दोस्तों आपको बता दू कि आज गूगल ने समलैंगिकता के प्राउड अधिकारों को सेलिब्रेट करते हुए गूगल ने अपने डूडल पर Frank Kameny का एक फोटो जो की कार्टून कैरेक्टर जैसा बना कर वहां पर दिखाया है.आप मेसे कई लोग यह नहीं जानते हे की डूडल क्या होता है मैं आपको बताता हूं जब आप गूगल ओपन करते हैं तो वहां पर जब सर्च बार के ऊपर आपने देखा होगा - जैसे 26 जनवरी होती है तो हमें तिरंगा झंडा दिखाई देता है दिवाली होती है तो दिए दिखाई देते हैं पटाखों के फूटने जैसा हमें दिखाई देता है यह सब गूगल दुनिया के सभी त्योहारों और जितने भी सेलिब्रेट करने वाले दिन होते हैं उन सभी दिनों पर गूगल अपना सेलिब्रेशन मूवमेंट या यूं कहें कि आपके साथ गूगल भी उस दिन को सेलिब्रेट करता है आपके खुशियों में शामिल होता है।
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Google ने डूडल के साथ समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता को सम्मानित किया |
वैसा ही आज गूगल ने किया आपको बता दें कि समलैंगिकता के अधिकारों को प्राप्त करने के लिए न जाने कितने लोगों ने संघर्ष किया कई धरने दिए बीते कुछ वर्षों पहले हमने यह भी सुना था की विदेश में और कई देशों में समलैंगिक लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने नग्न प्रदर्शन भी किया था। अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए क्योंकि पूरी दुनिया में समलैंगिक व्यक्ति जिसे इंग्लिश में गे कहते हैं ऐसे व्यक्तियों को बहुत ही अपमान और लोगों द्वारा शर्मसार किया जाता था समलैंगिक होना उन्हें अभिशाप लगता था साथ ही समलैंगिक व्यक्ति के साथ उसके परिजन भी उसका मजाक उड़ाते थे।
वही उसके माता पिता उनके लिए बहुत चिंतित रहते थे क्योंकि समलैंगिक व्यक्ति के जीवन में जीवनसाथी कैसे साथ होगा और इनका वृद्धावस्था समय कैसे निकलेगा जब इनका कोई पुत्र या कोई संतान नहीं होगी तो वह कैसे और किससे अपनी वृद्धावस्था में सेवा कर पाएगा कौन इनको संभालेगा कौन इनकी देखभाल करेगा और भी कई ऐसे ऐसे सवाल उनके जीवन में लोगों द्वारा पूछे जाते थे लोग हंसी मजाक में ही पूछ रहे थे थे और बेटा बड़ा हो गया उसकी शादी कब करोगे यह तो एक उदाहरण था मैं आपको नहीं बता सकता कि जो समलैंगिक व्यक्ति होते हैं उन पर लोगों के द्वारा क्या क्या कमेंट किए गए होंगे और उन्होंने कितना कुछ सहा होगा।
उन्हें जो सहा उसका इलमी करना नामुमकिन है दोस्तों आज जो गूगल ने अपने डूडल पर जो प्राउडली Frank Kameny का फोटो जो गूगल के डूडल में जो लगाया है वह क्यों लगाया है उसके बारे में आप जान लीजिए।
Frank Kameny के बारे में।
दोस्तों समलैंगिकता के लिए कई लोगों ने संघर्ष किया लेकिन उनमें से एक हैं Frank Kameny इन्होंने समलैंगिक अधिकारों को प्राप्त करने के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया Frank Kamenyने एलजीबीटीआईक्यू राइट्स के लिए लड़ने वाले सबसे अहम व्यक्तियो में से एक व्यक्ति माना जाता है उनका जन्म ही न्यूयॉर्क में सन साल 1925 में हुआ था अपने जीवन काल में उन्होंने उन्होंने खगोल शास्त्री और समलैंगिक अधिकार का कार्यकर्ता के रूप में काम किया फ्रैंक कामिनी 1957 में अमेरिकी सरकार के लिए खगोल शास्त्री के रूप में उन्होंने वहां पर नौकरी की लेकिन अमेरिकी आर के आला अधिकारी की छोटी सोच होने के कारण और Frank Kameny के समलैंगिक होने से अमेरिकी सरकार के अधिकारियों ने जो उन्हें नौकरी से हटा सकते थे उन्होंने सरकारी नौकरी से Frank Kameny को हटा दिया उनको नौकरी से हटाने का सिर्फ एक कारण था कि वह GAY हैं समलैंगिक है समलैंगिक होना कोई गलत नहीं है लेकिन फिर भी उन्हें वहां से उस नौकरी पर से हटा दिया गया।
1960 के दशक में समलैंगिक अधिकारों को प्राप्त करने के संघर्ष इन्होंने शुरू किया इन्होंने कई धरना प्रदर्शन व रैलियां की जिसमें इन के हाथों में जो पोस्टर हुआ करता था उस पर साफ लिखा होता था कि GAY IS GOOD.
इन्होंने अपने जीवन में कई प्रदर्शन आयोजित किए उन्हें आयोजित प्रदर्शनों को पूर्ण भी किया आपको बता दूं कि सन 1956 में अमेरिका के व्हाइट हाउस के सामने प्रदर्शन करने वाले फ्रैंक कामिनी थे और उस समय उनके साथ मात्र 10 लोग थे जो इनके साथ GAY या समलैंगिक अधिकारों को प्राप्त करने के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे थे.
वहीं 1971 में अमेरिकी सरकार ने अपने LGBTIQ प्रतिबंध जो कर्मचारियों पर लगा था उसे हटा दिया था यह सब Frank Kameny और वह उनके साथी चल द्वारा चलाए गए प्रदर्शन व जो उन्होंने अपना जीवन का महत्वपूर्ण समय दिया संघर्ष किया उसी के कारण संभव था.
दोस्तों संघर्ष एक शब्द है लेकिन जो व्यक्ति संघर्ष करता है वही शब्द का असली अर्थ समझता है उनके संघर्ष को मैं अपने कुछ शब्दों के द्वारा आपको नहीं बता सकता संघर्ष में शारीरिक एवं मानसिक पीड़ा होती है साथ ही मन में कई विचार आते हैं जो सकारात्मक और नकारात्मक विचार नकारात्मक ज्यादा होते हैं लेकिन संघर्ष की जीत तभी होती है जब आप सकारात्मकता के साथ शरीर को मानसिक रूप से अपने अधिकारों के लिए लड़ते हैं तो आप की जीत निश्चित ही होती है।
आपको बता दूं सन 1971 में अमेरिकी कांग्रेस पार्टी की तरफ से खड़े होने वाले सबसे पहले GAY नेता बने फ्रैंक कामिनी को समलैंगिक अधिकारों को प्राप्त करने वाला या यूं कहें करवाने वाला पहला व्यक्ति माना जाता है क्यों की उन्होंने अपने अधिकारों की लड़ाई को जीतने के लिए शुरू से अंत तक बने रहै।
फ्रैंक कामिनी ने समलैंगिक अधिकारों के लिए पहली आवाज उठाई थी समलैंगिक अधिकारों के लड़ने के लिए पहले व्यक्ति थे जिन्होंने शुरुआत की थी इसी फल स्वरुप आज हमें 2 मई को गूगल के डूडल पर इनका फोटो देखने को मिल रहा है यदि यह व्यक्ति उस समय अपने अधिकारों के लिए नहीं लड़ते तो शायद आज जितने भी समलैंगिक व्यक्ति हैं वह आज भी कुछ इस प्रकार से अपना जीवन व्यतीत करते कि जब उनसे कोई मिलता तो लोग उनसे हाथ मिलाना या यूं कहें कि छूने से भी डरते और शायद कोई उनसे बात करना भी पसंद ना करता समलैंगिक होना उनके लिए अभीशॉप की तरह होता और शायद कितनी समलैंगिक व्यक्ति खुद को खत्म भी कर चुके होते यह सत्य दोस्तों क्योंकि आपको बता दूं कि हमारे भारत में कुछ ऐसे लोगों की तादाद ज्यादा है जो सिर्फ दूसरों का मजाक उड़ाने पर ही विश्वास रखती है आज भी यह पढ़कर आपको लगता होगा कि आज 2021 मैं आपसे यह बात कह रहा हूं कि कुछ लोग हैं हां आज भी हमारे देश में जो इस प्रकार की धारणा रखते हैं वो लोग आज भी है।तो यह सत्य है.
LGBTIQ जेंडरस क्या है ? [फुल फॉर्म]
L - लैसबियन जेंडर
G - GAY जेंडर
B - बाय सेक्सुअल जेंडर
T - ट्रांसजेंडर ,थर्डजेंडर
I - इंटर सेक्स जेंडर
Q - क्वीर [काम्यूनिटी]
दोस्तों पहले जेंडर कि पहचान M और F के द्वरा की जाती थी यानी मेल और फीमेल मेल और फीमेल एक दूसरे से बहुत ही ज्यादा आकर्षित है या आकर्षित होते थे लेकिन आप जानेंगे कि F और M के साथ अब और कौन-कौन से जेंडर ऐड हुए हैं उनके बारे में ध्यान से समझेगा जेंडर L मतलब लैसबियन होता है। लैसबियन का मतलब है जब एक औरत को दूसरी औरत से प्यार हो जाए हो जाए इस स्थिति में इन महिलाओं को लैसबियन कहा जाता है
अब आते हैं दूसरे जेंडर G के नाम पर के इसमें एक मर्द को दूसरे मर्द से प्यार हो जाता है ऐसे पुरुषों को GAY कहते हैं
अब अगला शब्द है B यह B जेंडर का फुल फॉर्म है बाय सेक्सुअल जेंडर इस जेंडर में किसी भी जेंडर के व्यक्ति को किसी भी इंटर के व्यक्ति से प्यार करने की आजादी होती है जैसे एक औरत को 1 आदमी से ही प्यार हो सकता है और एक औरत से भी प्यार हो सकता है बाय सेक्सुअल यानी दोनों ही जेंडर के साथ वह महिला या पुरुष दोनों से अपने संबंध यानी प्यार कर सकते हैं इसे बाय-सेक्सुअल कहते हैं कहने का मतलब है कि इस जेंडर का व्यक्ति या महिला दो अलग जेंडर से प्यार कर सकती है जैसे एक महिला एक पुरुष और एक और महिला के साथ प्यार कर सकती हैं संबंध बना सकती हैं
अब जेंडर T की बारी आती है जिसे ट्रांसजेंडर कहते हैं इसके बारे में हम जान ले इसे इसे थर्डजेंडर भी कहते हैं वह जिनकी पहचान पैदाइश की वक्त कुछ और थी और जब वह बड़े हुए तब वह कुछ और ही हो गए मैं आपको समझाता हूं मैं क्या कहना चाहता हूं जब बच्चा पैदा होता है बच्चे के जननांग यानी जेनिटल्स जब जेनिटल्स मेल थे तब उसको लड़का माना गया लेकिन जब वह लड़का बड़ा हुआ तब उसे अपना अस्तित्व की पहचान हुई तो उसने अपने आप को लड़की के जैसा पाया और वह जब अपने आप को एक लड़की के रूप में परिवर्तित कर लेते हैं तो उन्हें ट्रांस्वूमेन कहा जाता है और यदि परिस्थिति उलट हो जाए यानी कि जन्म के समय जेनिटल्स जननांग फीमेल के हूं और बड़े होकर मेल हो जाए तो ऐसी परिस्थिति में ट्रांस मेल कहा जाएगा
अगला जेंडर I यानी कि इंटर सेक्स जेंडर इस जेंडर में जब बच्चा पैदा होता है तब उसके जननांग जो पूर्णता नहीं होते हैं ऐसे व्यक्ति को डॉक्टर के अनुमान बताने के बाद लड़का या लड़की मान लिया था है लेकिन जब वह बच्चा बड़ा होता है तब वह अपना जेंडर क्या है तब उसे पता चलता है कि वह मेल है या फीमेल इनका हिसाब भी ट्रांसजेंडर जैसा होता है जब यह बड़े होते हैं तभी ना पता चलता है कि वह मेल है फीमेल और अब बात करते हैं.
अब बात करते हैं Q यह एक कैसी कमेटी है जो इन सभी जेंडर को जिन्होंने अपने ऊपर के लेख में पड़ा इन्हें समझती है इस कम्युनिटी को क्वीर काम्यूनिटी कहते हैं आपको इस लेख के माध्यम से पता चला होगा की LGBTIQ क्या है और क्यों आज गूगल ने फ्रैंक कामिनी को सम्मानित किया आपको यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई होगी और आज आपको एक ऐसे संघर्ष के बारे में पता चला होगा जो की समलैंगिक लोगों को अपने अधिकार प्राप्त कराने के लिए की गई लड़ाई जिसके बारे में हमारे देश में कोई बात नहीं करता ना ही किसी को मालूम है यदि आपको लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों में जरूर शेयर कीजिए धन्यवाद READ MORE
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